Saturday, 19 January 2019

मेरे मामा जी

मेरे मामा जी



मेरे मामा जी बहुत सात्विक विचार के थे उन्होंने कभी किसी का बुरा नहीं किया हमेशा सबकी सहायता किया करते थे हम जब अपने मामा जी के घर जाया करते थे तो मामा जी हमें बहुत स्नेह किया करते थे

 1 दिन की बात है रात के 2:00 बजे थे अचानक किसी ने दरवाजा खटखटाया एक ही आवाज में मेरे मामा जी बोले कौन है मेरे मामा जी 4:00 बजे सुबह टहलने जाया करते थे 

मेरे मामा जी उठे और दरवाजा खोला वहां एक भूत था वह मेरे मामा जी के मित्र का वेश बना कर आया और बोला टहलने नहीं चलोगे मेरे मामा जी बोले अभी तो रात के 2:00 बजे हैं तो उसने बोला तुम्हारी घड़ी खराब है मेरी घड़ी में 4:00 बजे है इस तरह मेरे मामा जी उसके साथ टहलने चले गए वह मेरे मामाजी को जंगल की तरफ ले जा रहा था रुकने का नाम ही ना ले मेरे मामा जी समझ गए यह कोई और है चारों तरफ सन्नाटा था टहलने वाले एक भी दिखाई नहीं दे रहे थे 

मामा जी के रोकने पर भी उन्हें आगे बढ़ा ले जा रहा था मेरे मामा जी तुरंत समझ गए यहां कोई भूत है मेरे मामा जी ने गुप्तेश्वर महाराज शंकर भगवान को याद किया गुप्तेश्वर महाराज एक बूढ़े आदमी के रूप में लाठी लेकर आए और उस भूत को लाठी से मारने लगे और कहा मेरे भक्त को कहां ले जा रहा है लाठी से मार मार कर उसे भगा दिया फिर कहां बेटा अभी तो 2:00 बजे हैं अभी तुम कहां जा रहे हो चलो मैं तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ आओ घर तक छोड़ कर गुप्तेश्वर महाराज गायब हो गए मेरे मामा जी समझ गए कि यह गुप्तेश्वर महाराज ही थे

 जो मुझे मेरे घर छोड़ने आए थे मुझ गरीब की मदद की दोस्तों ऐसे है हमारे गुप्तेश्वर महाराज जो जब भी याद करें तुरंत रक्षा करने आते हैं जो भी सच्चे दिल से ईश्वर को याद करता है भगवान किसी ना किसी रूप में रक्षा करते हैं हमें मार्गदर्शन देते हैं

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