नई दुल्हन
एक सूसंस्कारी घर की लड़की थी वह अपने पूरे परिवार बड़े चाचा चाची छोटे चाचा चाची दादी दादा माता पिता अपने बहन भाइयों कजिन बहन भाइयों के साथ खेल कूद कर बड़ी हुई उसके पिता बहुत हवन पूजा पाठ करते थे वह बचपन से यह देखती रहती थी वहीं संस्कार उसके अंदर आ गए वह अपनी पढ़ाई लिखाई के साथ मां गायत्री की पूजा अर्चना करने लगी उसका विवाह होने वाला था तो पंडित जी ने कहा आपकी बेटी के ऊपर पीला दान लगा है (हिंदू धर्म में लड़का लड़की की कुंडली दिखाई जाती है फिर पंडित जी उसे बताते हैं कि यह शुभ है या अशुभ दान दो प्रकार के होते हैं एक लाल दाने एक पीला दान लाल दान की शादी कभी नहीं होती है पीले दान में पूजा पाठ द्वारा अशुभ फल खत्म हो जाता है )उसके पिता के एक गायत्री परिवार के मित्र थे उनसे कहने लगे आप 32000 माला का जाप कीजिए कलश स्थापना करिए हवन करिए किसी पंडित से करवाएंगे तो वह करता या नहीं करता आप से रुपए ठग लेगा रात दिन अपनी सेवा कराएगा उस लड़की का विवाह नजदीक आ गया था उसके पिता को विवाह की तैयारी भी करनी थी उनके पास इतना टाइम नहीं था
कि वह स्वयं जाप कर सके उस लड़की ने अपनी परिस्थितियां देखकर कहां पिताजी आप परेशान मत हो 32000 का जाप में पूरा करूंगी यह बात सुनकर उसके पिता को बहुत तसल्ली हुई लड़की ने जो जाप करना शुरू किया घर रिश्तेदारों से भरा था चारों तरफ विवाह का वातावरण था वह लड़की पूजा के कमरे में अपना जाप करती रहती थी यह देखकर उसके पिता बहुत खुश होते थे फिर उसकी उपासना पूरी हुई हवन किया गया कन्याओं को भोजन करवाया गया उसी दिन उसकी हल्दी थी विवाह कार्य पूर्ण
हुआ विदाई का समय आया बराती इतने आए थे कि पूरी बस लद गई जिस कार मैं लड़की की विदाई होनी थी वह भी पूरी लद गई सास लेने को जगह नहीं बची उसी में दुल्हन को विठाला गया दुल्हन बैठती पाई थी कि दूल्हे पक्ष का चाचा का लड़का दुल्हन के बगल में आकर बैठ गया किसी तरह कार आगे बढ़ी कुछ दूर जाने पर चाय पानी का स्टॉल आया सभी उतारकर चाय पानी पीने लगे किसी ने दुल्हन से नहीं पूछा आप पानी पिएंगे या नहीं थोड़ी देर बाद आराम करने के बाद सब कार मैं भर गए दुल्हन की ससुराल आ चुकी थी उतर कर सब भाग गए खाली दुल्हन बैठी रही गर्मी का वातावरण था चारों तरफ गर्म हवा चल रही थी बहुत देर बाद दुल्हन की एक जेठानी शरबत लेकर आई दुल्हन से नेग मांगा गया तब शरबत पिलाया गया यह पैसे देना एक नेग होता है फिर दुल्हन को उतारकर कितनी जोर से पकड़ कर उसे बहुत दूर एक आंगन में धरती पर चटाई बिछाकर बिठा दिया गया सामने बड़े बूढ़े बैठे थे सारा दिन उस दुल्हन को वहां विठाला गया चाय पानी भी नहीं पूछा फिर शाम को दुल्हन की ननंद लेने आई एक कमरे में ले गए वह कमरा रिश्तेदारों से भरा था उसी में उसे दूध चावल खाने को दिए गए एक लड़की जब ससुराल जाती है मैं तो वहां के रीति-रिवाजों का कोई पता नहीं होता ससुराल वालों को चाहिए की प्रेम से सारी रीति रिवाज समझाएं इस लड़की के साथ तो अलग ही कहानी थी चार जेठानी के बीच में एक अलग सी सुंदर पढ़ी लिखी लड़की का मानो मजाक ही बना दिया बाहर आंगन में सास ससुर जेठ जेठानी बैठे थे
वहां बहुत अंधेरा था गांव में लाइट बहुत जाती थी उस लड़की को भी बुलाया गया यहां आकर बैठो कि आई और चारपाई पर बैठने ही वाली थी कि उसकी जेठानी सास ससुर के सामने जेठ के ऊपर बैठ बैठ जाएं और खूब उस लड़की की हंसी उड़ाई मानो कोई जोकर को देखकर बच्चे ताली बजा बजाकर हंसते हैं माहौल से अनजान लड़की समझ ही नहीं पाई कि यह क्यों हंस रही है बाद में उसे पता चला तो वह नीचे जमीन पर बैठ गई उसकी सभी जेठानी या उसकी कमी को देखकर हंसती रहती थी कभी ये बताया भी नहीं कि क्यों हंस रही है सास ससुर के भी हमेशा बड़ी जेठानी या कान भर्ती रहती थी की पूजा पाठ पर भी हंसती रहती थी कि लड़की अपने पूजा पाठ नियम पर अटल थी बहुत सी परिस्थितियां पर वह नियम घर धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ती रही ईश्वर ने भी उसकी सहनशीलता कर्तव्यनिष्ठा का फल दिया उसके पास अब सब कुछ है⬋
एक सूसंस्कारी घर की लड़की थी वह अपने पूरे परिवार बड़े चाचा चाची छोटे चाचा चाची दादी दादा माता पिता अपने बहन भाइयों कजिन बहन भाइयों के साथ खेल कूद कर बड़ी हुई उसके पिता बहुत हवन पूजा पाठ करते थे वह बचपन से यह देखती रहती थी वहीं संस्कार उसके अंदर आ गए वह अपनी पढ़ाई लिखाई के साथ मां गायत्री की पूजा अर्चना करने लगी उसका विवाह होने वाला था तो पंडित जी ने कहा आपकी बेटी के ऊपर पीला दान लगा है (हिंदू धर्म में लड़का लड़की की कुंडली दिखाई जाती है फिर पंडित जी उसे बताते हैं कि यह शुभ है या अशुभ दान दो प्रकार के होते हैं एक लाल दाने एक पीला दान लाल दान की शादी कभी नहीं होती है पीले दान में पूजा पाठ द्वारा अशुभ फल खत्म हो जाता है )उसके पिता के एक गायत्री परिवार के मित्र थे उनसे कहने लगे आप 32000 माला का जाप कीजिए कलश स्थापना करिए हवन करिए किसी पंडित से करवाएंगे तो वह करता या नहीं करता आप से रुपए ठग लेगा रात दिन अपनी सेवा कराएगा उस लड़की का विवाह नजदीक आ गया था उसके पिता को विवाह की तैयारी भी करनी थी उनके पास इतना टाइम नहीं था
हुआ विदाई का समय आया बराती इतने आए थे कि पूरी बस लद गई जिस कार मैं लड़की की विदाई होनी थी वह भी पूरी लद गई सास लेने को जगह नहीं बची उसी में दुल्हन को विठाला गया दुल्हन बैठती पाई थी कि दूल्हे पक्ष का चाचा का लड़का दुल्हन के बगल में आकर बैठ गया किसी तरह कार आगे बढ़ी कुछ दूर जाने पर चाय पानी का स्टॉल आया सभी उतारकर चाय पानी पीने लगे किसी ने दुल्हन से नहीं पूछा आप पानी पिएंगे या नहीं थोड़ी देर बाद आराम करने के बाद सब कार मैं भर गए दुल्हन की ससुराल आ चुकी थी उतर कर सब भाग गए खाली दुल्हन बैठी रही गर्मी का वातावरण था चारों तरफ गर्म हवा चल रही थी बहुत देर बाद दुल्हन की एक जेठानी शरबत लेकर आई दुल्हन से नेग मांगा गया तब शरबत पिलाया गया यह पैसे देना एक नेग होता है फिर दुल्हन को उतारकर कितनी जोर से पकड़ कर उसे बहुत दूर एक आंगन में धरती पर चटाई बिछाकर बिठा दिया गया सामने बड़े बूढ़े बैठे थे सारा दिन उस दुल्हन को वहां विठाला गया चाय पानी भी नहीं पूछा फिर शाम को दुल्हन की ननंद लेने आई एक कमरे में ले गए वह कमरा रिश्तेदारों से भरा था उसी में उसे दूध चावल खाने को दिए गए एक लड़की जब ससुराल जाती है मैं तो वहां के रीति-रिवाजों का कोई पता नहीं होता ससुराल वालों को चाहिए की प्रेम से सारी रीति रिवाज समझाएं इस लड़की के साथ तो अलग ही कहानी थी चार जेठानी के बीच में एक अलग सी सुंदर पढ़ी लिखी लड़की का मानो मजाक ही बना दिया बाहर आंगन में सास ससुर जेठ जेठानी बैठे थे
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