Thursday 17 January 2019

नशा और परिवार


नशा और परिवार



it's not too late it's starting of new ear of 
your life WAKE UP!! many of them are laughing on you it's time to show them who you are proof them wrong

गुटका तंबाकू बीड़ी सिगरेट शराब यह सब हमारे देश के लिए एक अभिशाप है बहुत भयंकर बीमारी है हम यह देखते हैं कि एक मजदूर सारा दिन मेहनत करके पैसे कमाता है और मेहनत करते समय गुटखा तंबाकू बीड़ी पीता रहता है अपनी दिनभर की आधी मजदूरी इसी में बर्बाद कर देता है बची कुची मजदूरी शाम को शराब पीकर समाप्त कर देता है जब वह अपने घर जाता है तो घर की बीवी खाना बनाने के लिए कुछ पैसे मांगती है तो शराब के नशे में धुत बीवी बच्चों को मारता पीटता है। खाने को पैसे नहीं तन पर ढकने को कपड़े नहीं फिर भी गुटका तंबाकू बीड़ी शराब पीना है कुरान के पारा साथ सूरत माया दारू का एक मैं लिखा है इमान वालों शराब तथा दूसरी नशीली चीजें हराम है शैतानी चीजों बचे रहो।
 
अगर हम ₹ 10 रोज से महीने में ₹300 और 1 वर्ष में 3650 रुपए हुए कोई 20 वर्ष का व्यक्ति यदि बीड़ी सिगरेट पीना छोड़ कर ₹10 बैंक में जमा करने लगे तो उसे 60 साल की उम्र ₹400000 मिल जाएंगे कितने रुपए में वह अपनी जिंदगी आराम से काट सकता है मकान भी बनवा सकता है

नेपोलियन बोनापार्ट अपने सैनिकों से कहा करता था दुश्मन की अपेक्षा शराब से अधिक सावधान रहो सिर्फ संयम ही सेना की विजय हो सकती है वैज्ञानिकों ने चूहों को सिगरेट के धुए के पास रख कर देखा उन चूहों की प्रजनन शक्ति शुरू हो गई उनकी माताओं में बांझपन पैदा हुआ गर्भपात और फेफड़े कमजोर हो गए कई तो अंधे होकर थोड़े ही दिनों में मर गए सोचो भाइयों अगर चूहों की ऐसी दुर्दशा हुई तो हम इंसान पर इसका क्या प्रभाव पड़ता होगा तमाकू में निकोटिन कोलतार  कार्बन मोनोऑक्साइड अथवा कोयले की गैस पाई जाती है
समुद्र मंथन से हुआ था उसमें
से विष निकला था तो भगवान शंकर जी ने सब को बचाने के लिए वह विश स्वयं पी लिया था हमारे समाज की विडंबना देखें शिवरात्रि पर भगवान शंकर का प्रसाद कहकर सभी भांग पीते हैं कहते हैं भगवान का प्रसाद है पीढ़ी के लड़के शिवरात्रि पर मोटरसाइकिल पर 4 - 4 तेज रफ्तार में घूमते हैं इतना भयानक रूप देखकर मन घबराता है।
महिलाएं भी गुटखा बीड़ी शराब पीते हैं इन दोनों की तो दुर्दशा है महिलाओं में यह आदत बहुत हानिकारक उनके बच्चे अपंग पैदा होते हैं नशा करना शारीरिक मानसिक आर्थिक हर दृष्टि से नुकसानदायक है।
        नशा करने वालों उन पर दया आती है कि वह पुरानी खांसी दमा घुटना छाती की बीमारियां तथा फेफड़ों की टेंशन मनुष्य के रक्त को भी दूषित कर देता है बीमारियों को न्योता देता है जो महिलाएं आती है और अपने बच्चों को दूध पिलाती है वह बच्चे उनके दुष्प्रभाव नहीं पाते नशा करने से आंखों की रोशनी कमजोर पड़ती है व्यक्ति अंधा भी हो जाता है व्यक्ति किसी के कहने से नशा नहीं छोड़ता वह तो स्वयं में द्रण संकल्प कर ले कि मैं कभी नशा नहीं करूंगा तब ही छोड़ सकता ह।

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